आज के वक्त में लैपटॉप- मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल तक में लिथियम आयन बैट्रींयों का इस्तेमाल होता है | आज के समय में इलेक्ट्रिक बैटरी की जरूरत बहुत अधिक बढ़ गई है क्योंकि आज के समय में लिथियम की कीमत बहुत अधिक है जो 80,000 डॉलर प्रति टन हो गया है|
वहीं दूसरी ओर सोडियम हाइड्रोक्साइड की कीमत करीब 800 डालर प्रति टन है| आसान शब्दों में समझे तो सोडियम गरीबों का लिथियम है भारत में भी एक बड़ी समुद्री तट होने के चलते भारत के पास भी इसका बड़ा भंडार है और सोडियम दुनिया में हर जगह आसानी से उपलब्ध है |
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए है वरदान
सोडियम आयन बैटरी आने के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत 30 फीसदी तक कम होने की संभावना है वहीं टाटा नेक्शन ईवी जैसी गाड़ियों में यह बैटरी लगने के बाद इसकी कीमत 14.75 लाख रुपए से घटकर 10 लाख रुपए हो सकती है |
सोडियम आयन बैटरी vs लिथियम आयन बैटरी
लिथियम आयन बैटरी के मुकाबले सोडियम आयन बैटरी की चार्जिंग स्पीड दुगनी है | जिस वजह से हम अपना बैटरी चार्जिंग टाइम बचा सकते हैं | सोडियम आयन बैटरी की डेंसिटी काफी कम होती है जबकि लिथियम आयन बैट्री की डेंसिटी काफी ज्यादा होती है | ऐसे में सोडियम आयन बैटरी लो और हाई टेंपरेचर के दौरान बेहतर प्रदर्शन करती है |
सोडियम आइन बैटरी होती है ज्यादा सुरक्षित
अगर हम सुरक्षा की बात करें तो लिथियम आयन बैटरी के मुकाबले सोडियम आयन बैटरी काफी सुरक्षित होती है | क्योंकि ना तो इसमें आग लगने का खतरा होता है और ना ही ज्यादा हिट होने की समस्या आती है यानी देखा जाए तो भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में एक क्रांति के रूप में सोडियम आयन बैटरी परफेक्ट साबित हो सकती है |
कीमत
पूरी दुनिया में लिथियम की तुलना में सोडियम का भंडार कई गुना अधिक है जहां लिथियम 80 हजार डॉलर प्रति टन है वही सोडियम 800 डॉलर प्रति टन है |