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India has finally started BNCAP Hindi
किसी भी car को खरीदने से पहले उसकी सुरक्षा की जाँच करनी पडती है और यह काम के लिए भारत अब तक दूसरे देशों की संस्थाओं पर निर्भर था, मगर अब भारत आत्मनिर्भर बन रहा है, अब भारत में बेचीं जाने वाली cars की सुरक्षा स्थिति को BNCAP में जाँच द्वारा भारत में ही नापा जायेगा।
पहले भारत में जो भी cars बेचीं जाती थीं उनकी सुरक्षा स्थिति को जाँचने के लिए Global NCAP (GNCAP) की तरफ भेजा जाता था, अब भारत में BNCAP यानी भारत NCAP नामक नई संस्था को भारतीय रोड ट्रांसपोर्ट द्वारा शुरू किया गया है, वैसे तो इसकी शुरआत साल 2014 में ही हो जानी थी मगर प्रयोग शालाओं की कमी होने की वजह से इसकी शुरुआत को विलंबित किया गया और फिर साल 2017 में इसकी शुरुआत की गई, आख़िरकार अब इसे सफलता पूर्वक चालु कर दिया गया है।
भारत अब दशवा देश बना है car प्रयोगशाला की शुरआत करने के मामले में, इसके पहले नौ संस्थाएं ही खोली गई थी और यह क्रम भारत के लिए एक गर्व का विषय है, नितिन गढ़करी जी के नेतृत्व में इस संस्था को सफलतापूर्वक लागु किया जाने वाला है, इसे 1 अक्टूबर 2023 से पूरी तरह से भारत में लागू किया जायेगा।
हम आपको याद दिला दें की अब तक भारत में बेचीं जाने वाली तमाम Cars की सुरक्षा स्थिति की जाँचने के लिए Global NCAP में भेजा जाता था, अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की जब GNCAP पहले से मौजूद है।
तो फिर भारत NCAP यानी BNCAP की को शुरू करने की क्या ज़रुरत? वैसे आपका ये सवाल लाज़मी भी है, देखिये GNCAP में पुरे विश्व की cars की सुरक्षा स्थिति को जाँचा जाता है, मगर भारतीय सड़कों और स्थिति से वैश्विक सड़कें और स्थिति मेल नहीं खाते, शायद इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश अपने वतन में बेचीं जाने वाली cars के मामले में GNCAP की बात को दर्ज़ी देने की बजाये अपने देश में अपनी सड़कों और स्थिति के हिसाब से फिर से जाँच करते हैँ ताकि सुरक्षा के मामले में किसी भी बात को उन्नीस बीस के तौर पर ना आँका जाये और अपने देश की प्रजा को किसी भी car खरीदने पर जान या माल का नुकसान ना पहुंचे।
भारत के पहले जिन देशों के पास NCAP ससंस्थाएं मौजूद हैँ उसकी फेहरिस्त भी आज हम आपको बता रहे हैँ, इस फेहरिस्त में क्रम वक पर ऑस्ट्रेलिया NCAP आती है, ऑस्ट्रेलिया में बेचीं जाने वाली तमाम cars की सुरक्षा स्थिति को ऑस्ट्रेलिया NCAP द्वारा जाँचा जाता है, यह ऑस्ट्रेलिया NCAP नामक संस्था को साल 1992 में शुरू किया गया था, ना सिर्फ ऑस्ट्रेलिया बल्कि न्यू जीलैंड में बेचीं जाने वाली cars को भी ऑस्ट्रेलिया NCAP द्वारा ही जाँचा जाता है, GNCAP और ANCAP में ज़्यादा कुछ अंतर नहीं देखा गया है। दूसरे क्रम पर मलेशिया द्वारा शुरू की गई ASEAN NCAP नामक सुरक्षा जांच संस्था का नाम आता है।
ASEAN NCAP (Malaysia) safety details in Hindi
इस ASEAN NCAP नामक मोटरकार सुरक्षा संस्था को दिसंबर 2011 में मलेशियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ रोड सेफ्टी रीसर्च और Global NCAP (GNCAP) ने मिलकर द्वारा शुरू किया था, ASEAN NCAP में किसी भी कार को 5 स्टार सुरक्षा रेटिंग पाने के लिए सुरक्षा सहायता में 70 अंक बनाना अनिवार्य होता है, जबकि GNCAP की टेस्टिंग के दारून किसी भी कार को कम सुरक्षा सहायता अंक के साथ भी बड़ी आसानी से 5 स्टार सुरक्षा रेटिंग की प्राप्ति हो जाती है, जी हाँ ये हम नहीं कह रहे बल्कि cardekho report ने बताया है जूस हम अपने शब्दों में आप तक पोहचा रहे हैँ। इस संस्था के अंतर्गत थाईलैंड, इंडोनेशिया और सिंगापुर आदि कई एशियाई देशों में बिकने वाली कार की सुरक्षा स्थिति की जांच की जाती है।
यह USNCAP को अमरीका की संघिय सरकार की सिब्सिडरी यानी राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) द्वारा साल 1978 में शुरू किया गया था, उस लेहाज़ से यह सबसे पुरानी NCAP संस्था है, यह सँस्था अगल बगल से लगने वाले हमले से होने वाली दुर्घटना को तालने वाली व्यवस्था का होना अनिवार्य है, यह संस्था कार के पलटने से बचने वाली व्यवस्था को भी जाँचती है जो की किसी भी NCAP नामक कार सुरक्षा जांच संस्था में नहीं पाई जाती, यह व्यवस्था फिलहाल सिर्फ सबसे पुरानी कार सुरक्षा जांच संस्था यानी USNCAP तक ही मखसूसी तौर पर उपलब्ध है।
तकनीकी देश कहे जाने वाला जापान अपना खुद का NCAP भी रखता है, साल 1995 में जापान की NASVA नामक सरकारी संस्था ने जापान NCAP यानी JNCAP की शुरुआत की थी,जापान एक बेहद तकनिकी देश की सूची में लगभग पहले स्थान पर दर्शाता है इस वजह से जापान NCAP का उसूल है की हर कार में आटोमेटिक एक्सीडेंट इमरजेंसी कॉल सिस्टम का होना अनिवार्य है, जापान NCAP का प्रोग्राम तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें व्हीकल सेफ्टी परफॉरमेंस, कलिसन सेफ्टी परफॉरमेंस और प्रेवेंटिव सेफ्टी परफॉरमेंस शामिल हैँ।
लैटिन अमेरिका और करिबियन देश में बेचीं जाने वाली तमाम कार्स की सुरक्षा स्थिति लैटिन NCAP यानी LNCAP द्वारा जांची जाती है, इनमें ब्राज़ील, मैक्सीको, कॉलोम्बिया, अर्जेंटीना, जमाइका और अन्य देश शामिल हैँ। लैटिन NCAP को साल 2010 में ग्लोबल NCAP के साथ साझेदारी में शुरू किया गया था, ग्लोबल NCAP भी इसमें निवेश करती है, ग्लोबल NCAP की तरह ही लैटिन NCAP सुरक्षा स्थिति जाँच कंपनी भी एडल्ट (व्यस्क लोगों) और चाइल्ड (बालकों) की सुरक्षा के हिसाब से ही कार की सुरक्षा स्थिति जाँचती है, लेकिन ये लैटिन NCAP कार सुरक्षा संस्था टेस्टिंग के मामले में यूरो NCAP जितनी कठोर नहीं है, लैटिन NCAP संस्था के टेस्टिंग के नियम साल 2016 वाले इस्तेमाल किये जाते हैँ, लैटिन NCAP साइड पेड़ेस्ट्रियन का भी जाँचती है।
कोरिया देश में Korea NCAP यानि KNCAP को साल 1999 में शुरू किया गया था, KNCAP में कार से कार मामले में अचल और चलती कार को कंट्रोल करने की सुविधा अनिवार्य है , कार से साइकिल के मामले में आटोमेटिक संकरण और अनुदैर्ध्य की सुविधा अनिवार्य है, और उसी तरह लेन पर काईम रखने और वक्र लेन प्रस्थान जैसे आटोमेटिक सुरक्षा सुविधाएँ किसी कार में होना अनिवार्य है किसी भी कार के इस टेस्ट को पर कर 5 स्टार प्राप्त करने के लिए।
साल 2006 में चाइना ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर नामी सरकारी रोड ट्रांसपोर्ट संस्था ने चाइना NCAP यानी CNCAP को शुरू किया था, इसके तहत चाइना में बेचीं जाने वाली तमाम cars की सुरक्षा स्थिति को नापा जाता है, चीन कार बाजार के लेहाज़ से एक काफी महत्वपूर्ण बाजार है जहाँ खुद अपनी ही cars बना कर बेचीं जाती हैँ चाहे वो किसी और की नकल करके ही क्यों ना बनाई हो, हाँ हम सबको पता है के चीन इस कार्य मे माहिर है, और इस फेहरिस्त में एशिया खंड के कुछ गिने चुने देशों में शुमार है, चाइना NCAP के लोगो (ब्रांड) में चीन का झंडा या झंडे को दर्शाने वाला निशान बड़ी आसानी से देखा जा सकता है, जी हाँ, हम उन पांच सितारों की ही बात कर रहे हैँ जो इस तस्वीर में साफ दर्शाये गए हैँ जो पांच स्टार की रेटिंग को भी दर्शाते हैँ।
यूरो NCAP की शुरुआत साल 1997 में हुई थी, इसके तहत यूरोपिय देश यानी फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रीया और बेल्जियम आदि देशों में बेचीं जाने वाली cars की सुरक्षा स्थिति को नापने का और रेटिंग देने का काम करती है, इसकी साझेदारी 7 देशों से दर्ज की गई है जिनमें यूरोपिय देश और ग्राहक संस्थाएं भी शामिल है, यूरो NCAP विश्व के सबसे मुश्किल कार टेस्ट करने के लिए जानी जाती है, यूरो NCAP फ्रंट मोबाइल प्रोग्रेसिव और फ्रंट फूल विधथ रिगिड़ बेर्रिएर की जांच भी अपनी सुरक्षा जाँच में शामिल रखता है, और आखिर में 5 स्टार रेटिंग मुहैया करता है ताकि कार्स के ग्राहकों को कोई जानी माली नुकसान का सामना ना करना पड़े, यूरो विश्व के कुछ जाने मानी संस्थाओं यानी Global NCAP और ऑस्ट्रेलिया NCAP वाली फेहरिस्त में गिना जाता है।
ग्लोबल NCAP यानी GNCAP नामक वाहन सुरक्षा संस्था को साल 2011 में शुरू किया गया था, अगर इसके नियमों की बात की जाये तो GNCAP में 5 स्टार पाने के लिए किसी भी कार को इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम और सीटबैल्ट रिमाइंडर आदि सुविधाओं का होना अनिवार्य है, इसमें साइड पोल पेड़ेस्ट्रियन सेफ्टी टेस्ट को भी पार करना होता है जिसका मतलब ये होता है की कार से अगल बगल से भी किसी चीज को टकरा कर दुख जाता है जिससे ये पता चलता है की अगर अगल बगल से अगर टककर होती है तो कार के अंदर पैसेंजर कितने सुरक्षित रह सकते हैँ, आप बता दें की साल 2014 में GNCAP ने #SaferCarsForIndia नामी कैंपेन शुरू किया था जिसके तहत भारत में कई कम्पनीज की कार्स की सुरक्षा स्थिति की जांच की गई है जिसमें मारुती सुजुकी, महिंद्रा, टाटा, किआ और रीनॉल्ट जैसी कम्पनीज की कार्स को जाँचा गया है लेकिन अब BNCAP के आने के बाद GNCAP भारत के लाइट कार्स की जाँच नहीं करेगा।