Indian car news : जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग और मांग बढ़ती जा रही है वैसे वैसे अब बैटरी की मांग भी बढ़ने लगी है, अब कुछ सालों में हर जगह इलेक्ट्रिक वाहन ही देखने को मिलने वाले हैँ और हर देश की सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को लाने की भरपूर कोशिश कर रही है, ऐसे में लीथिम बैटरीज की ज़रूरत भी बढ़ने वाली है।
हाल ही में हमने सुना था की Tata की लैंड रोवर कंपनी के जैगुआर ब्रांड को ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटेन में बैटरी फैक्ट्री बनाने का ग्रीन चिट दिया था जिसकी खबर ब्लूमबर्ग ने मई के महीने में सांझा की थी, अब गुजरात में भी Tata अपनी एक बोहत विशाल लीथियम बैटरी की फैक्ट्री खोलने जा रहा है जिसकी शुरुआती लागत ही 130 अरब रूपये यानी 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर है, दरअसल गुजरात राज्य सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट एक डॉक्यूमेंट पोस्ट किया गया था जिसमें यह लिखा गया था की Tata ग्रुप की एक कम्पनी जिसका नाम “टाटा अगरतस एनर्जी स्टोरेज सोल्लुशन” है ने एक करारनामा साइन किया था जिसमें यह लिखा हुआ था की गुजरात में टाटा ग्रुप की यह कम्पनी गुजरात में 20 गीगावाट्ट ऑवर की कैपेसिटी वाली एक बैटरी फैक्ट्री का निर्माण करेंगी।
इस डॉक्यूमेंट में यह साफ तौर पर लिखा हुआ था की इस नई फैक्ट्री के खुलने के बाद कुल 13,000 लोगों को विभिन्न प्रकार की जॉब्स दी जाएंगी, प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार भारत को “नेट जीरो” बनाने मे साल 2070 तक का समय लग सकता है,
टाटा ग्रुप और गुजरात सरकार का यह लक्ष है की गुजरात को आने वाले सालों में बैटरी का एक विशाल उत्पादक बनाया जायेगा, अगर ऐसा हुआ तो यकीन मानिये की वो दिन दूर नहीं है जब जर्मनी, कोरिया, जापान और अमेरिका सहित तमाम विकसित देशों की विशाल वाहन निर्माता कम्पनीयां इस भारतीय कंपनी से बैटरीज खरीदने लगेंगी और इससे भारत को काफी फायदा पुहंचेगा और साथ ही भारत की आर्थिक हालत एशिया में सबसे ऊँचे पायदान पर आ पुहंचेगी, यह बात तप वाज़ेह है की भारत में लीथिम पाया जाता है मगर हाल ही में एक खबर सामने आई थी जिसके तहत यह पता चला है की अफ़ग़ानिस्तान में लीथियम काफी ज़्यादा मात्रा में पाया गया है, लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में इसे उपयोग करने का कोई स्त्रोत उपब्ध नहीं है, हमें इस बात का अंदेशा है की भारत इस मामले में अफघानिस्तान से लीथियम की आयत कर सकता है जिसे इस जैसी फैक्ट्रीज में इस्तेमाल किया जा सकता है।